F आलस्यं हि मनुष्याणां श्लोकार्थ- alasyam hi manushyanam shlok sanskri Hindi arth sahit - bhagwat kathanak
आलस्यं हि मनुष्याणां श्लोकार्थ- alasyam hi manushyanam shlok sanskri Hindi arth sahit

bhagwat katha sikhe

आलस्यं हि मनुष्याणां श्लोकार्थ- alasyam hi manushyanam shlok sanskri Hindi arth sahit

आलस्यं हि मनुष्याणां श्लोकार्थ- alasyam hi manushyanam shlok sanskri Hindi arth sahit
आलस्यं हि मनुष्याणां श्लोक-
आलस्यं हि मनुष्याणां श्लोकार्थ- alasyam hi manushyanam shlok sanskri Hindi arth sahit
आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः |
नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति ||

आलस्यं हि मनुष्याणां श्लोकार्थ-
मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |


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