यथा ह्येकेन चक्रेण श्लोकार्थ- yatha hyeken chakren shlok sanskrit hindi arth sahit

यथा ह्येकेन चक्रेण श्लोक-
यथा ह्येकेन चक्रेण श्लोकार्थ- yatha hyeken chakren shlok sanskrit hindi arth sahit
यथा ह्येकेन चक्रेण न रथस्य गतिर्भवेत् |
एवं परुषकारेण विना दैवं न सिद्ध्यति ||

 यथा ह्येकेन चक्रेण श्लोकार्थ-
जैसे एक पहिये से रथ नहीं चल सकता है उसी प्रकार बिना पुरुषार्थ के भाग्य सिद्ध नहीं हो सकता है |


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नीति श्लोक व शुभाषतानि के सुन्दर श्लोकों का संग्रह- हिंदी अर्थ सहित। }

 

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