F असंशयं महाबाहो श्लोकार्थ- assam shyam mahabaho shlok sanskrit hindi arth sahit - bhagwat kathanak
असंशयं महाबाहो श्लोकार्थ- assam shyam mahabaho shlok sanskrit hindi arth sahit

bhagwat katha sikhe

असंशयं महाबाहो श्लोकार्थ- assam shyam mahabaho shlok sanskrit hindi arth sahit

असंशयं महाबाहो श्लोकार्थ- assam shyam mahabaho shlok sanskrit hindi arth sahit
असंशयं महाबाहो श्लोक-
असंशयं महाबाहो श्लोकार्थ- assam shyam mahabaho shlok sanskrit hindi arth sahit
असंशयं महाबाहो मनो दुर्निग्रहं चलम् |
अभ्यासेन तु कौन्तेय वैराग्येण च गृह्येते ||

 असंशयं महाबाहो श्लोकार्थ-
( श्री भगवान् बोले ) हे महाबाहो ! निःसंदेह मन चंचल और कठिनता से वश में होने वाला है लेकिन हे कुंतीपुत्र ! उसे अभ्यास और वैराग्य से वश में किया जा सकता है |



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