चंचलं हि मनः कृष्ण श्लोकार्थ- chanchalam hi manah krishna shlok sanskrit hindi arth sahit

चंचलं हि मनः कृष्ण श्लोक-
चंचलं हि मनः कृष्ण श्लोकार्थ- chanchalam hi manah krishna shlok sanskrit hindi arth sahit
चंचलं हि मनः कृष्ण प्रमाथि बलवद्दृढम् |
तस्याहं निग्रहं मन्ये वायोरिव सुदुष्करम् ||

चंचलं हि मनः कृष्ण श्लोकार्थ-
( अर्जुन ने श्री हरि से पूछा ) हे कृष्ण ! यह मन चंचल और प्रमथन स्वभाव का तथा बलवान् और दृढ़ है ; उसका निग्रह ( वश में करना ) मैं वायु के समान अति दुष्कर मानता हूँ |


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नीति श्लोक व शुभाषतानि के सुन्दर श्लोकों का संग्रह- हिंदी अर्थ सहित। }

 

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