चन्दनं शीतलं लोके श्लोक-
चन्दनं शीतलं लोके श्लोकार्थ-
चन्दनं शीतलं लोके,चन्दनादपि चन्द्रमाः |चन्द्रचन्दनयोर्मध्ये शीतला साधुसंगतिः ||
चन्दनं शीतलं लोके श्लोकार्थ-
संसार में चन्दन को शीतल माना जाता है लेकिन चन्द्रमा चन्दन से भी शीतल होता है | अच्छे मित्रों का साथ चन्द्र और चन्दन दोनों की तुलना में अधिक शीतलता देने वाला होता है |
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