माता शत्रुः पिता वैरी श्लोकार्थ- Mata shatru pita vairi shlok sanskrit hindi arth sahit

माता शत्रुः पिता वैरी श्लोक-

माता शत्रुः पिता वैरी श्लोकार्थ- Mata shatru pita vairi shlok sanskrit hindi arth sahit

 

माता शत्रुः पिता वैरी येन बालो न पाठितः ।
न शोभते सभामध्ये हंसमध्ये बको यथा ॥

माता शत्रुः पिता वैरी श्लोकार्थ-
जो माता-पिता अपने बच्चों को नहीं पढ़ाते वे शत्रु के सामान हैं| बुद्धिमानों की सभा में अनपढ़ व्यक्ति कभी सम्मान नहीं पाता, वहां वह हंसों के बीच बगुले के समान होता है|

नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके संस्कृत के बेहतरीन और चर्चित श्लोकों की लिस्ट [सूची] देखें-
नीति श्लोक व शुभाषतानि के सुन्दर श्लोकों का संग्रह- हिंदी अर्थ सहित। }

नीति संग्रह- मित्र लाभ:

 


माता शत्रुः पिता वैरी श्लोकार्थ- Mata shatru pita vairi shlok sanskrit hindi arth sahit

नीति संग्रह- मित्र लाभ:

0/Post a Comment/Comments

आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें जरूर बताएं ? आपकी टिप्पणियों से हमें प्रोत्साहन मिलता है |

Stay Conneted

(1) Facebook Page          (2) YouTube Channel        (3) Twitter Account   (4) Instagram Account

 

 



Hot Widget

 

( श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र )

भागवत कथा सीखने के लिए अभी आवेदन करें-


close