वन्दे नन्दब्रजस्त्रीणां• श्लोकार्थ- vande nand brajastrinam shlok lyrics

वन्दे नन्दब्रजस्त्रीणां• श्लोक-
वन्दे नन्दब्रजस्त्रीणां• श्लोकार्थ- vande nand brajastrinam shlok lyrics
वन्दे नन्दब्रजस्त्रीणां पादरेणुमभीक्षणशः । 
यासां हरिकथोद्गीतं पुनाति भुवनत्रयम् ॥
 ( श्रीमद्भा० १० । ४७ । ६३) 

वन्दे नन्दब्रजस्त्रीणां• श्लोकार्थ-
नन्दबाबाके व्रजमें रहनेवाली गोपाङ्गनाओंकी चरण-धूलिको मैं बार-बार प्रणाम करता हूँ—उसे सिरपर चढ़ाता हूँ । अहा ! इन गोपियोंने भगवान् श्रीकृष्णकी लीला-कथाके सम्बन्धमें जो कुछ गान किया है, वह तीनों लोकोंको पवित्र ___ कर रहा है और सदा-सर्वदा पवित्र करता रहेगा ।


नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके संस्कृत के बेहतरीन और चर्चित श्लोकों की लिस्ट [सूची] देखें-
नीति श्लोक व शुभाषतानि के सुन्दर श्लोकों का संग्रह- हिंदी अर्थ सहित। }

0/Post a Comment/Comments

आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें जरूर बताएं ? आपकी टिप्पणियों से हमें प्रोत्साहन मिलता है |

Stay Conneted

(1) Facebook Page          (2) YouTube Channel        (3) Twitter Account   (4) Instagram Account

 

 



Hot Widget

 

( श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र )

भागवत कथा सीखने के लिए अभी आवेदन करें-


close