आयुः कर्म च वित्तं च /aayuh karma cha vittan cha
आयुः कर्म च वित्तं च
विद्या निधन नेव च |
पञ्च्यैतान्यपि सृज्यन्ति
गर्भस्थस्यैव देहिनः ||
आयु विद्या धन मृत्यु और कर्म इन पांचों का निर्माण गर्भ में ही हो जाता है |
आयुः कर्म च वित्तं च /aayuh karma cha vittan cha
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