भक्तिः सुतौ तौ तरूणौ - bhaktih sutau tau taroonau
इसका कीर्तन करते हुए नृत्य करने लगी रिसियों ने सब उन्हें नृत्य करते हुए देखा तो कहने लगे यह कौन है और यह कैसे प्रकट हो गई सनकादि मुनिश्वर ने कहा रिसियों यह अभी-अभी कथा के अर्थ से प्रगट हुई है भक्ति महारानी ने कहा मुनिश्वर कलिकाल के प्रभाव से में जीर्ण नष्ट हो गई थी आपने कथा के रस से मुझे पुनः पुष्ट कर दिया |
भक्तिः सुतौ तौ तरूणौ - bhaktih sutau tau taroonau
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