एतावदेव जिज्ञास्यं /etavadev jigyasyam
एतावदेव जिज्ञास्यं तत्वजिज्ञासुनात्मनः |
अन्वयव्यतिरेकेभ्यां यत् स्यात सर्वत्र सर्वदा ||
यह ब्रह्म नहीं यह ब्रह्म नहीं इस प्रकार निषेध की पद्धति से अथवा यह ब्रह्म है यह ब्रह्म है इस प्रकार ब्रह्म है इस प्रकार अनवय की पद्धति से यही सिद्ध होता है की सर्वदा सब जगह है वह ब्रह्म विद्यमान है |जो परमात्म तत्व को जानना चाहते हैं उन्हें केवल इतना ही जानने की आवश्यकता है |एतावदेव जिज्ञास्यं /etavadev jigyasyam
- आप के लिए यह विभिन्न सामग्री उपलब्ध है-
भागवत कथा , राम कथा , गीता , पूजन संग्रह , कहानी संग्रह , दृष्टान्त संग्रह , स्तोत्र संग्रह , भजन संग्रह , धार्मिक प्रवचन , चालीसा संग्रह , kathahindi.com
आप हमारे whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें- click here
हमारे YouTube चैनल को सब्स्क्राइब करने के लिए क्लिक करें- click hear