यथा महान्ति भूतानि /yatha mahanti bhutani
जैसे प्राणियों के छोटे बड़े शरीर में आकाश आदि पंचमहाभूत प्रविष्ट होते हैं और पहले से ही विद्यमान रहने के कारण प्रविष्ट नहीं भी होते ऐसे ही ब्रह्मा जी प्राणियों के शरीर में आत्म रूप से मैं सदा प्रविष्ट हूं और मेरे अतिरिक्त कोई दूसरी वस्तु है ही नहीं इसलिए मैं उस में प्रविष्ट नहीं हूं|
यथा महान्ति भूतानि /yatha mahanti bhutani
- आप के लिए यह विभिन्न सामग्री उपलब्ध है-
भागवत कथा , राम कथा , गीता , पूजन संग्रह , कहानी संग्रह , दृष्टान्त संग्रह , स्तोत्र संग्रह , भजन संग्रह , धार्मिक प्रवचन , चालीसा संग्रह , kathahindi.com
आप हमारे whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें- click here
हमारे YouTube चैनल को सब्स्क्राइब करने के लिए क्लिक करें- click hear