काल व्याल मुख ग्रास श्लोक
kal vyal mukh gras shlok
कालव्यालमुखग्रासत्रासनिर्णाश हेतवे |
श्रीमद् भीगवतं शास्त्रं कलौ कीरेण भाषितम् ||
( मा.1,11 )
काल रूपी महान सर्प का ग्रास बने हुए प्राणियों की दुख की निवृत्ति के लिए कलिकाल में श्री शुकदेव जी ने श्रीमद्भागवत का प्रवचन किया |
काल व्याल मुख ग्रास श्लोक
kal vyal mukh gras shlok
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