F नम: परस्मै पुरुषाय भूयसे /namah parasmai purushaay - bhagwat kathanak
नम: परस्मै पुरुषाय भूयसे /namah parasmai purushaay

bhagwat katha sikhe

नम: परस्मै पुरुषाय भूयसे /namah parasmai purushaay

नम: परस्मै पुरुषाय भूयसे /namah parasmai purushaay

 नम: परस्मै पुरुषाय भूयसे /namah parasmai purushaay


नम: परस्मै पुरुषाय भूयसे 
       सदुद्भवस्थाननिरोध लीलया |
गृहीत शक्तित्रितयाय देहिना 
       मन्तर्भवायानुपलक्ष्य वर्त्मने ||2,4,12
मैं उन परम पुरुष भगवान जो इस जगत की उत्पत्ति पालन और संघार की लीला के लिए ब्रह्मा विष्णु और शिव इन तीनों रूप को धारण करते हैं जो समस्त प्राणियों में अंतर्यामी रूप से विराजमान है उन परम ब्रह्म परमात्मा को मैं नमस्कार करता हूं |

 नम: परस्मै पुरुषाय भूयसे /namah parasmai purushaay

  • आप के लिए यह विभिन्न सामग्री उपलब्ध है-

 भागवत कथा , राम कथा , गीता , पूजन संग्रह , कहानी संग्रह , दृष्टान्त संग्रह , स्तोत्र संग्रह , भजन संग्रह , धार्मिक प्रवचन , चालीसा संग्रह , kathahindi.com 

आप हमारे  whatsapp  ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें- click here

नम: परस्मै पुरुषाय भूयसे /namah parasmai purushaay

हमारे YouTube चैनल को सब्स्क्राइब करने के लिए क्लिक करें- click hear 


     नम: परस्मै पुरुषाय भूयसे /namah parasmai purushaay

    Ads Atas Artikel

    Ads Center 1

    Ads Center 2

    Ads Center 3