नम: परस्मै पुरुषाय भूयसे /namah parasmai purushaay
नम: परस्मै पुरुषाय भूयसे
सदुद्भवस्थाननिरोध लीलया |
गृहीत शक्तित्रितयाय देहिना
मन्तर्भवायानुपलक्ष्य वर्त्मने ||2,4,12
मैं उन परम पुरुष भगवान जो इस जगत की उत्पत्ति पालन और संघार की लीला के लिए ब्रह्मा विष्णु और शिव इन तीनों रूप को धारण करते हैं जो समस्त प्राणियों में अंतर्यामी रूप से विराजमान है उन परम ब्रह्म परमात्मा को मैं नमस्कार करता हूं |
नम: परस्मै पुरुषाय भूयसे /namah parasmai purushaay
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