नारायण परा वेदा /narayan para veda
नारायण परा वेदा देवा नारायणाग्ङजा |
नारायणपरा लोका नारायण परा मखा ||
नारायणपरो योगो नारायण परम तपः |
नारायण परं ज्ञानम नारायण परा गतिः ||
वेद, देवता ,लोक,यज्ञ ,योग, तपस्या, ज्ञान और गति सबका पर्यावसान भगवान नारायण में ही है उन भगवान नारायण की इच्छा जब-- ~एकोहं बहुस्यामः~
एक से बहुत होने की हुई तो उन्होंने माया से अपने स्वरूप में काल कर्म और स्वभाव को स्वीकार किया|नारायण परा वेदा /narayan para veda
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