स देव देवो भगवान् प्रतीक्षतां /sa dev devo bhagavan
स देव देवो भगवान् प्रतीक्षतां
कलेवरं यावदिदं हिनोम्यहम् |
प्रसन्नहासारुणलोचनोल्लस-
न्मुखाम्भुजो ध्यानपथश्चतुर्भुजो ||
वे ही देवाधिदेव श्री कृष्ण जब तक मैं अपने इस शरीर को छोड़ ना दूं तब तक वह प्रसन्न मुख से हंसते हुए चतुर्भुज रूप धारण कर मेरे सामने खड़े रहे |
स देव देवो भगवान् प्रतीक्षतां /sa dev devo bhagavan
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