विपदो नैव विपदः /vipado naiv vipadah
विपदो नैव विपदः सम्पदो नैव सम्पदः |
विपद् विष्मरणम् विष्णोः सम्पन्न नारायणं स्मृतिः||
विपत्ति विपत्ति नहीं है संपत्ति संपत्ति नहीं है भगवान का विस्मरण होना ही भगवान को भूल जाना ही विपत्ति है और भगवान का स्मरण करना ही संसार की सबसे बड़ी संपत्ति है |
विपदो नैव विपदः /vipado naiv vipadah
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