तपः शौचं दया सत्य /tapah shaucham daya satya
तपः शौचं दया सत्यमिति पादाः कृते कृताः |
अधर्माशैस्त्रयो भग्नाः स्मयसन्ग मदैस्तव ||
अधर्माशैस्त्रयो भग्नाः स्मयसन्ग मदैस्तव ||
सतयुग में आपके तपस्या पवित्रता दया और सत्य यह चार चरण थे इस समय अधर्म के अंस अभिमान के कारण तपस्या का नाश हो गया. आशक्ति के कारण पवित्रता का नास हो गया और मद के कारण दया का नाश हो गया इस समय मात्र आपका चौथा चरण सत्य ही शेष बचा है |
तपः शौचं दया सत्य /tapah shaucham daya satya
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