भागवत कथा करने की विधि
bhagwat katha karne ki vidhi
जिन्हें कथा करानी है वे सर्वप्रथम किसी ज्योतिषी से उत्तम मुहूर्त पूंछे और जैसे विवाह में प्रसन्नतापूर्वक धन खर्च करते हैं उसी प्रकार कथा में बिना कंजूसी के धन खर्च करें |
कथा में वैष्णव ब्राह्मण भगवान को वक्ता के रूप में वर्णन करें वक्ता वेद शास्त्र की स्पष्ट व्याख्या करने में समर्थ हो दृष्टांत देने में कुशल हो और कथा में पांच ब्राह्मणों का वर्णन करें जो गणपति गायत्री और द्वादशाक्षर मंत्र का जप करें तथा भागवत और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने वाले हो।
सुंदर गणपति नवग्रह मंडल सर्वतो भद्र मंडल आदि बनवाएं प्रतिदिन उनका पूजन करें विधि पूर्वक कथा में 7 दिन तक यदि बिना कुछ खाए रह सकें तो अच्छा है अन्यथा फलाहार करके कथा सुने और यदि यह भी नहीं हो सकता तो |
भोजन करके कथा सुने परंतु भोजन इतना करें कि आलस्य ना आए 7 दिनों के पश्चात कथा की समाप्ति पर यदि विरक्त श्रोता है तो हवन करें पूर्णाहुति करें पूर्णाहुति के पश्चात ब्राह्मणों को दक्षिणा दे और कम से कम 12 ब्राह्मणों को भोजन कराएं और कथा की समाप्ति पर कीर्तन करें जैसे ही श्रोता ने यह सुना की कथा की समाप्ति पर कीर्तन करना चाहिए।
( बोलिए भक्त वत्सल भगवान की जय )
भागवत कथा करने की विधि
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