धिग् जन्मनस्त्रि /Dhig janma nastri
धिग् जन्मनस्त्रिवृद्विद्यां धिग्व्रतंधिगबहुयज्ञताम |
धिक्कुलं क्रियादाक्ष्यं विमुखा ये त्वधोक्षजे |
हमारा जन्म, विद्याअध्ययन ,वृत और यज्ञ आदि करना सब व्यर्थ हो गया ? क्योंकि आज हम श्रीकृष्ण के दर्शन से रहित हो गए |
धिग् जन्मनस्त्रि /Dhig janma nastri
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