गच्छ देवि व्रजं भद्रे /gachha devi vrajam bhadre
गच्छ देवि व्रजं भद्रे गोप गोभिरलड़्कृतम्।
रोहिणी वसुदेवस्य भार्याऽऽस्ते नन्दगोकुले।। १०/२/७
हे देवी तुम गाय और गोपों से अलंकृत नंद बाबा की गोकुल में जाओ वहां वसुदेव की पत्नी रोहिणी निवास करती है, तुम देवकी के गर्भ को ले जाकर रोहणी के गर्भ मे स्थापित कर दो |
गच्छ देवि व्रजं भद्रे /gachha devi vrajam bhadre
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