F गुरूशुश्रूषया भक्त्या /Gurū śuśrūṣayā bhaktyā - bhagwat kathanak
गुरूशुश्रूषया भक्त्या /Gurū śuśrūṣayā bhaktyā

bhagwat katha sikhe

गुरूशुश्रूषया भक्त्या /Gurū śuśrūṣayā bhaktyā

गुरूशुश्रूषया भक्त्या /Gurū śuśrūṣayā bhaktyā

 गुरूशुश्रूषया भक्त्या /Gurū śuśrūṣayā bhaktyā


गुरूशुश्रूषया भक्त्या सर्वलब्धार्पणेन च |
सङ्गेन साधु भक्तानामीश्वरा राधनेन च ||
श्रद्धया तत्कथायां च कीर्तनैर्गुण कर्मणाम् |
तत्पादाम्बुरुहध्यानात् तल्लिङ्गैक्षार्हणादिभि ||

निष्कपट भाव से गुरु की सेवा करने से जो कुछ भी प्राप्त हो उसे भगवान के श्री चरणों में समर्पित करने से महापुरुषों का सत्संग करने से भगवान की आराधना उनकी कथाओं में श्रद्धा उनके चरण कमलों का ध्यान उनका पूजन और उनके गुणों का उनके नामों का कीर्तन करने से भगवान श्री हरि शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं |

 गुरूशुश्रूषया भक्त्या /Gurū śuśrūṣayā bhaktyā


गुरूशुश्रूषया भक्त्या /Gurū śuśrūṣayā bhaktyā

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