न केवलं मे भवतश्च राजन /na kevalam me bhavatashch rajan
न केवलं मे भवतश्च राजन
सवै बलं बलिनां चापरेषाम् |
परेडवरेडमी स्थिर जङ्गमां ये
ब्रह्मादयो येन वशं प्रणीताः ||
पिता जी वे नारायण न केवल मेरे अपितु आपके भी बल हैं | एक तिनके से लेकर ब्रह्माजी तक संपूर्ण चराचर जगत उन्हीं के अधीन है |हिरण्यकशिपु कहा तेरा वह नारायण कहां रहता है, प्रह्लाद ने कहा वह सब जगह रहता है |
न केवलं मे भवतश्च राजन /na kevalam me bhavatashch rajan
- आप के लिए यह विभिन्न सामग्री उपलब्ध है-
भागवत कथा , राम कथा , गीता , पूजन संग्रह , कहानी संग्रह , दृष्टान्त संग्रह , स्तोत्र संग्रह , भजन संग्रह , धार्मिक प्रवचन , चालीसा संग्रह , kathahindi.com
आप हमारे whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें- click here
हमारे YouTube चैनल को सब्स्क्राइब करने के लिए क्लिक करें- click hear