F न केवलं मे भवतश्च राजन /na kevalam me bhavatashch rajan - bhagwat kathanak
न केवलं मे भवतश्च राजन /na kevalam me bhavatashch rajan

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न केवलं मे भवतश्च राजन /na kevalam me bhavatashch rajan

न केवलं मे भवतश्च राजन /na kevalam me bhavatashch rajan

 न केवलं मे भवतश्च राजन /na kevalam me bhavatashch rajan


न केवलं मे भवतश्च राजन
       सवै बलं बलिनां चापरेषाम् |
परेडवरेडमी स्थिर जङ्गमां ये
       ब्रह्मादयो येन वशं प्रणीताः ||
पिता जी वे नारायण न केवल मेरे अपितु आपके भी बल हैं | एक तिनके से लेकर ब्रह्माजी तक संपूर्ण चराचर जगत उन्हीं के अधीन है |हिरण्यकशिपु कहा तेरा वह नारायण कहां रहता है, प्रह्लाद ने कहा वह सब जगह रहता है |

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