F कंसेन प्रहिता घोरा /kansen prahita ghora - bhagwat kathanak
कंसेन प्रहिता घोरा /kansen prahita ghora

bhagwat katha sikhe

कंसेन प्रहिता घोरा /kansen prahita ghora

कंसेन प्रहिता घोरा /kansen prahita ghora

 कंसेन प्रहिता घोरा /kansen prahita ghora


कंसेन प्रहिता घोरा पूतना बालघातिनी। 
शिशूंश्चचार निघ्नन्ती पुरग्राम व्रजादिषु।। १०/६/२

यहां कंस की भेजी हुई पूतना नाम की राक्षसी जो छोटे छोटे बालकों को मारती हुई नगर, गांव मे घूम रही थी | आकाश मार्ग से गोकुल मे उसने उत्सव होते हुए देखा तो | माया से सुंदर स्त्री का रूप धारण कर वहां पहुंच गई | वह इतनी सुंदर थी कि ब्रज वासियों ने उसे देखा तो समझा साक्षात लक्ष्मी कन्हैया का दर्शन करने आई हैं |

 कंसेन प्रहिता घोरा /kansen prahita ghora


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