मात: क एष नवनीत /maatah ka yes navanit
मात: क एष नवनीत मिद त्वदीयं लोभेन चोरयितु मद्य गृहं प्रविष्ट:।
मद्वारणं न मनुते मयि रोषभाजि रोषं तनोति न हि मे नवनीत लोभ:।।
मैया देखो घर में चोर घुस आया है, जब मैं इसे मना करता हूं तो यह मानता नहीं और इस पर क्रोध है करता हूं तो यह भी बदले में मुझे क्रोध दिखा रहा है|और मैया तू मोपै संदेह मत करियो, मोये माखन को लोभ नाय|
मात: क एष नवनीत /maatah ka yes navanit
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