F सून्ये चोरयत: स्वयं /sunye choryatah svayam - bhagwat kathanak
सून्ये चोरयत: स्वयं /sunye choryatah svayam

bhagwat katha sikhe

सून्ये चोरयत: स्वयं /sunye choryatah svayam

सून्ये चोरयत: स्वयं /sunye choryatah svayam

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सून्ये चोरयत: स्वयं निजगृहे हैयंगवीनं मणिस् तम्भे स्वप्रतिविम्ब मीक्षितवतस्तेनैव सार्ध्दं भिया।
भ्रातर्मा वद मातरं मम समो भागस्तवा पीहितो भुड्क्ष्वेत्यालपतो हरे: कलवचोमात्रा रह: श्रूयते
वहां जैसे ही मणिमय स्तंभ में अपनी परछाई को देखा डर गए, कहा  भैया मैया से मत कहियो जामे तेरो भी भाग है ,आ खाले | मैया ने जैसे ही कन्हैया की बात को सुना कहा कन्हैया क्या कर रहे हो |

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