F श्रृणु सखि कौतुक मेकं /shranu sakhi kautuk mekam - bhagwat kathanak
श्रृणु सखि कौतुक मेकं /shranu sakhi kautuk mekam

bhagwat katha sikhe

श्रृणु सखि कौतुक मेकं /shranu sakhi kautuk mekam

श्रृणु सखि कौतुक मेकं /shranu sakhi kautuk mekam

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श्रृणु सखि कौतुक मेकं नन्द निकेतांगणे मयादृष्टं। 
गोधूलि धूसरितांग: नृत्यति वेदान्त सिध्दान्त।। 

अरी सखियों आज मैंने नंद बाबा के आंगन में गोधूलि से धूसरित वेदांत के सिद्धांत रूप श्री कृष्ण को नृत्य करते हुए देखा | जब गोपियों ने श्रीकृष्ण की इस छवि का वर्णन सुना तो प्रार्थना करने लगी | हे प्रभु ,श्री कृष्ण हमारे घर कब आएंगे कब हम पर कृपा करेंगे |

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