F मैवं विभोर्हति /Maivaṁ vibhōrhati - bhagwat kathanak
मैवं विभोर्हति /Maivaṁ vibhōrhati

bhagwat katha sikhe

मैवं विभोर्हति /Maivaṁ vibhōrhati

मैवं विभोर्हति /Maivaṁ vibhōrhati

 मैवं विभोर्हति /Maivaṁ vibhōrhati


मैवं विभोर्हति भवान गदितुं नृशंसं
     सन्त्यज्य सर्वविषयांस्तव पादमूलम् |
भक्ता भजस्व दुरवग्रह मा त्यजास्मान्
      देवो यथादिपुरुषो भजते मुमुक्षुन |

प्यारे श्याम सुंदर आप इस प्रकार निष्ठुरता भरे वचन मत कहिए, हम समस्त विषयों का त्याग कर आप की शरण में आए हैं हम आपकी भक्त हैं हमारा त्याग मत करिए |

 मैवं विभोर्हति /Maivaṁ vibhōrhati


 मैवं विभोर्हति /Maivaṁ vibhōrhati


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