मैवं विभोर्हति /Maivaṁ vibhōrhati
मैवं विभोर्हति भवान गदितुं नृशंसं
सन्त्यज्य सर्वविषयांस्तव पादमूलम् |
भक्ता भजस्व दुरवग्रह मा त्यजास्मान्
देवो यथादिपुरुषो भजते मुमुक्षुन |
प्यारे श्याम सुंदर आप इस प्रकार निष्ठुरता भरे वचन मत कहिए, हम समस्त विषयों का त्याग कर आप की शरण में आए हैं हम आपकी भक्त हैं हमारा त्याग मत करिए |
मैवं विभोर्हति /Maivaṁ vibhōrhati
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