मात्रा स्वस्रा दुहित्रा वा /Mātrā svasrā duhitrā vā
मात्रा स्वस्रा दुहित्रा वा ना विविक्तासनो भवेत |
बलवानिन्द्रियग्रामो विद्वांस मपि कर्षति ||
अपनी माता, बहिन और पुत्री के साथ भी किसी पुरुष को एकांत में नहीं बैठना चाहिए, क्योंकि इंद्रियां इतनी बलवान होती है कि बड़े-बड़े विद्वानों को भी विचलित कर देती हैं | मात्रा स्वस्रा दुहित्रा वा /Mātrā svasrā duhitrā vā
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