न कामये नाथ तदप्यहं क्वचिन् /na kamye nath tadapyaham
न कामये नाथ तदप्यहं क्वचिन्
न यत्र युष्मच्चरणाम्बुजासवः |
महत्तमान्तर्ह्रदयान्मुखच्युतो
विधत्स्व कर्णायुतमेष मे वरः ||
प्रभो आपके चरण कमलों के अलावा कोई और कामना नहीं है यदि आप मुझे कुछ देना ही चाहते हैं तो मुझे दस हजार कान दे दीजिए जिससे मैं निरंतर आप की कथा सुधारस का पान कर सकूं |
न कामये नाथ तदप्यहं क्वचिन् /na kamye nath tadapyaham
- आप के लिए यह विभिन्न सामग्री उपलब्ध है-
भागवत कथा , राम कथा , गीता , पूजन संग्रह , कहानी संग्रह , दृष्टान्त संग्रह , स्तोत्र संग्रह , भजन संग्रह , धार्मिक प्रवचन , चालीसा संग्रह , kathahindi.com
आप हमारे whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें- click here
हमारे YouTube चैनल को सब्स्क्राइब करने के लिए क्लिक करें- click hear