न रोधयति मां योगो /na rodhayati mam yogo
न रोधयति मां योगो न सांख्यं धर्म एव च |
न स्वाध्यायस्तपस्त्यागो नेष्टापूर्तं न दक्षिणा ||
व्रतानि यज्ञश्छन्दांसि तीर्थानि नियमा यमाः |
यथा वरुन्द्धे सत्सङ्गः सर्वसङ्गापहो हि माम् ||
उद्धव योग, सांख्य, धर्म, स्वाध्याय, तपस्या, त्याग, यज्ञ, दक्षिणा, व्रत, नियम, और यम से भी मैं उतना प्रसन्न नहीं होता जितना सत्संग से होता हूं सत्संग समस्त आशक्ति को नष्ट कर देता है |
न रोधयति मां योगो /na rodhayati mam yogo
- आप के लिए यह विभिन्न सामग्री उपलब्ध है-
भागवत कथा , राम कथा , गीता , पूजन संग्रह , कहानी संग्रह , दृष्टान्त संग्रह , स्तोत्र संग्रह , भजन संग्रह , धार्मिक प्रवचन , चालीसा संग्रह , kathahindi.com
आप हमारे whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें- click here
हमारे YouTube चैनल को सब्स्क्राइब करने के लिए क्लिक करें- click hear