स्त्रीषु नर्मविवाहे च /strishu narma vivahe
गोब्राह्मणार्थे हिंसायां नानृतं स्याज्जुगुप्सितम् ।। ८/१९/४३
आठ स्थान पर बोला गया झूठ पर कोई पाप नहीं लगता---- पहला स्त्रियों को प्रसन्न करने के लिए, दूसरा हास्य परिहास में ,तीसरा विवाह में कन्या आदि की प्रशंसा करते हुए ,चौथा अपनी आजीविका की रक्षा के लिए, पांचवा अपने प्राण संकट में उपस्थित होने पर ,छठवां गाय की रक्षा के लिये, सातवां ब्राह्मण की रक्षा के लिए और आठवां किसी को मृत्यु से बचाने के लिए बोला गया झूठ से किसी प्रकार का पाप नहीं होता |
स्त्रीषु नर्मविवाहे च /strishu narma vivahe
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