F वयं खलाः सहोत्पत्या /vayam khala sahotpatya - bhagwat kathanak
वयं खलाः सहोत्पत्या /vayam khala sahotpatya

bhagwat katha sikhe

वयं खलाः सहोत्पत्या /vayam khala sahotpatya

वयं खलाः सहोत्पत्या /vayam khala sahotpatya

 वयं खलाः सहोत्पत्या /vayam khala sahotpatya


वयं खलाः सहोत्पत्या तामसा दीर्घमन्यवाः |
स्वभावो दुस्त्यजो नाथ लोकानां यदसद्गृहः |

प्रभु हम जन्म से ही दुष्ट और तमोगुण स्वभाव के हैं , प्राणियों को अपने स्वभाव का त्याग करना अत्यंत कठिन है | प्रभु इस जगत की सृष्टि आपने की है. इस जगत में नागों की उत्पत्ति आपने की और आपने ही क्रोधी स्वभाव का बनाया है इसमें मेरी क्या गलती है |

 वयं खलाः सहोत्पत्या /vayam khala sahotpatya



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