आकाशात्पतितं तोयं /akashat patitam toyam shloka
आकाशात्पतितं तोयं यथा गच्छति सागरम्।
सर्वदेवनमस्कार: केशवं प्रति गच्छति॥७९॥*
(६४ संख्यादारभ्य ७९ संख्यापर्यन्तं श्रीपाण्डवगीतायाम् )
जैसे आकाशसे गिरा हुआ जल अन्तमें समुद्रमें ही जा मिलता है, उसी प्रकार सभी देवोंके प्रति किया हुआ नमस्कार भगवान् केशवके ही पास जा पहुँचता है॥ ७९ ॥