अरे भज हरेर्नाम /are bhaj harernam shloka अरे भज हरेर्नाम /are bhaj harernam shlokaअरे भज हरेर्नाम क्षेमधाम क्षणे क्षणे।बहिस्सरति निःश्वासे विश्वासः प्रवर्तते॥९६॥+अरे उस प्रेम-धाम हरिका नाम भज, [क्षण- क्षणमें] बाहर निकलनेवाले श्वासपर क्या विश्वास है?॥ ९६॥सूक्तिसुधाकर के सभी श्लोकों की लिस्ट देखें नीचे दिये लिंक पर क्लिक करके। -click-Suktisudhakar shloka list sukti sudhakar / सूक्तिसुधाकर अरे भज हरेर्नाम /are bhaj harernam shloka Share this post