F क: श्री श्रियः परम /ka shri shriya param shloka - bhagwat kathanak
क: श्री श्रियः परम /ka shri shriya param shloka

bhagwat katha sikhe

क: श्री श्रियः परम /ka shri shriya param shloka

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 क: श्री श्रियः परम /ka shri shriya param shloka

क: श्री श्रियः परम /ka shri shriya param shloka

क: श्री श्रियः परमसत्त्वसमाश्रयः क:

कः पुण्डरीकनयनः पुरुषोत्तमः कः।

कस्यायुतायुतशतैककलांशकांशे

विश्वं विचित्रचिदचित्प्रविभागवृत्तम्॥१०॥

आपके अतिरिक्त-लक्ष्मीजीकी शोभा कौन है? शुद्ध सत्त्वका आधार कौन है ? कमलदलके समान विशाल नेत्रोंवाला कौन है ? पुरुषोत्तम नाम किसका है? तथा किसकी अनन्त करोड़ कलाओंके एकांशके भी अंशमें यह जड़-चेतनरूप विचित्र संसार विभागपूर्वक स्थित है ॥ १०॥ 

सूक्तिसुधाकर के सभी श्लोकों की लिस्ट देखें नीचे दिये लिंक पर क्लिक  करके।
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 क: श्री श्रियः परम /ka shri shriya param shloka


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