लोकं शोकहतं वीक्ष्य /lokam shok hatam shloka लोकं शोकहतं वीक्ष्य /lokam shok hatam shlokaलोकं शोकहतं वीक्ष्य हाहाकारसमाकुलम्।अशोकं रे चेतस्तद्विष्णोः परमं पदम्॥१३५॥हे चित्त! इस लोकको शोकसन्तप्त और हाहाकारसे व्याकुल देखकर, भगवान् विष्णुके उस शोकहीन परमपदको भज॥ १३५ ॥ सूक्तिसुधाकर के सभी श्लोकों की लिस्ट देखें नीचे दिये लिंक पर क्लिक करके। -click-Suktisudhakar shloka list sukti sudhakar / सूक्तिसुधाकर लोकं शोकहतं वीक्ष्य /lokam shok hatam shloka Share this post