नमो नमो वाङ्मनसातिभूमये /namo namo vangmansati shloka
नमो नमो वाङ्मनसातिभूमये नमो नमो वाड्मनसैकभूमये।
नमो नमोऽनन्तमहाविभूतये नमो नमोऽनन्तदयैकसिन्धवे॥१९॥*
मन और वाणीके अगोचर आपको प्रणाम है, [ऐसा होते हुए भी भक्तजनोंके] मन-वाणीके एकमात्र विश्रामस्थान आपको नमस्कार है; अत्यन्त महाविभूतियोंसे सम्पन्न और अनन्त दयाके एकमात्र सागर आपको प्रणाम है, बारम्बार प्रणाम है॥ १९॥