नाथ योनिसहस्त्रेषु /nath yoni sahastreshu shloka नाथ योनिसहस्त्रेषु /nath yoni sahastreshu shlokaनाथ योनिसहस्त्रेषु येषु येषु व्रजाम्यहम्।तेषु तेष्वचला भक्तिरच्युतास्तु सदा त्वयि॥७३॥*हे नाथ ! जिन-जिन हजारों योनियों में जाऊँ हर एकमें तुम्हारी अचल भक्ति मुझे प्राप्त हो ॥ ७३ ॥ सूक्तिसुधाकर के सभी श्लोकों की लिस्ट देखें नीचे दिये लिंक पर क्लिक करके। -click-Suktisudhakar shloka list sukti sudhakar / सूक्तिसुधाकर नाथ योनिसहस्त्रेषु /nath yoni sahastreshu shloka Share this post