तदहं त्वदृते न नाथवान् /tadaham tvadyate na nath shloka

 तदहं त्वदृते न नाथवान् /tadaham tvadyate na nath shloka

तदहं त्वदृते न नाथवान् /tadaham tvadyate na nath shloka

तदहं त्वदृते न नाथवान्मदृते त्वं दयनीयवान्न च ।

विधिनिर्मितमेतदन्वयं भगवन् पालय स्म जीहपः॥४९॥*

हे भगवन् ! तुम्हारे बिना मैं नाथवान् नहीं हूँ और मुझ दीनके बिना आप दीनदयालु नहीं हो सकते; इसलिये विधि-निर्मित इस सम्बन्धको आप निभाइये। इसका. त्याग न होने दीजिये॥ ४९ ॥ 

सूक्तिसुधाकर के सभी श्लोकों की लिस्ट देखें नीचे दिये लिंक पर क्लिक  करके।
 -click-Suktisudhakar shloka list 


 तदहं त्वदृते न नाथवान् /tadaham tvadyate na nath shloka


0/Post a Comment/Comments

आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें जरूर बताएं ? आपकी टिप्पणियों से हमें प्रोत्साहन मिलता है |

Stay Conneted

(1) Facebook Page          (2) YouTube Channel        (3) Twitter Account   (4) Instagram Account

 

 



Hot Widget

 

( श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र )

भागवत कथा सीखने के लिए अभी आवेदन करें-


close