त्वमेव माता च पिता /tvamev mata cha pita shloka
त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्वं मम देवदेव॥१०५॥
हे देवदेव! तुम ही मेरी माता हो, तुम ही पिता हो, तुम ही बन्धु हो, तुम ही सखा हो, तुम ही विद्या हो, तुम ही धन हो और तुम ही मेरे सर्वस्व हो॥ १०५॥