हुई हमसे नादानी तेरी महफिल में /huyi hamse nadani teri mahfil me lyrics
हुई हमसे नादानी तेरी महफिल में
आ बैठे जमीं की खाक होकर भी आसमां से दिल लगा बैठे
हम जिन्दगी लुटाने आये हैं तेरे दर पर
_दिल की लगी बुझाने आये हैं तेरे दर पर...
_दिल की लगी बुझाने आये हैं तेरे दर पर...
सब कुछ लुटा चुके हैं एक जिंदगी है बाकी
ओ भी लुटा दे तुमको ऐसी पिला दे साकी
फरियाद ये सुनाने आये हैं तेरे दर पर...
फरियाद ये सुनाने आये हैं तेरे दर पर...
तू मुझसे क्यों है रुठा ये तो जरा बता दे
झांकी जरा दिखा दे या अंधा मुझे बना दे
हम तुमको यों सताने आये हैं तेरे दर पर....
हम तुमको यों सताने आये हैं तेरे दर पर....
जब तक ये जिंदगी है तुझको करेंगे हैं।
गलियों में तेरी मोहन देते रहेंगे फेरा ।
रुठा तुझे मनाने आये हैं तेरे दर पर....
रुठा तुझे मनाने आये हैं तेरे दर पर....
आयेगी याद तुझको इक था
कोई दिवाना गलियों में फिरता मारा ऐसा था वो बेगाना
हम तेरे ही कहाने आये हैं तेरे दर पर...
हम तेरे ही कहाने आये हैं तेरे दर पर...
हुई हमसे नादानी तेरी महफिल में /huyi hamse nadani teri mahfil me lyrics
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