कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी kripa ki na hoti jo aadat tumhari lyrics

 कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी kripa ki na hoti jo aadat tumhari lyrics

कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी kripa ki na hoti jo aadat tumhari lyrics


कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती अदालत तुम्हारी,

ओ दोनों के दिल में जगह तुम न पाते
तो किस दिल में होती हिफाजत तुम्हारी,
कृपा की ना होती..…...

ग़रीबों की दुनिया है आबाद तुमसे,
ग़रीबों से है बादशाहत तुम्हारी
कृपा की ना होती........,

न मुल्जिम ही होते न तुम होते हाकिम,
न घर-घर में होती इबादत तुम्हारी,
कृपा की ना होती.........

तुम्हारी उल्फ़त के दृग ‘बिन्दु’ हैं वे,
तुम्हें सौंपते है अमानत तुम्हारी,
कृपा की ना होती.......

सर्वश्रेष्ठ भजनों की लिस्ट देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें

bhajan sangrah lyrics पॉपुलर भजन लिरिक्स

 कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी kripa ki na hoti jo aadat tumhari lyrics

0/Post a Comment/Comments

आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें जरूर बताएं ? आपकी टिप्पणियों से हमें प्रोत्साहन मिलता है |

Stay Conneted

(1) Facebook Page          (2) YouTube Channel        (3) Twitter Account   (4) Instagram Account

 

 



Hot Widget

 

( श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र )

भागवत कथा सीखने के लिए अभी आवेदन करें-


close