- राजेंद्र दास जी महाराज
- श्याम सुंदर पाराशर जी
- स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज
- श्री कृष्ण चंद्र ठाकुर जी महाराज
- देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज
- अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज
- मृदुल कृष्ण शास्त्री जी
- गौरव कृष्ण शास्त्री जी
- जया किशोरी जी
- चित्रलेखा जी
Bhagwat Katha Speakers: Top Names List (भागवत कथा वाचक नाम लिस्ट)
भागवत कथा का इतिहास समृद्ध है और कई प्रसिद्ध वाचकों को शामिल करता है। इनकी शैली और भावनाएँ श्रोताओं को एक अद्भुत अनुभव देती हैं। इस लेख में हम भागवत कथा के प्रसिद्ध वाचकों की जानकारी देंगे।
इन वाचकों के बारे में जानकारी मिलेगी और आप इनके संपर्क में भी आ सकते हैं।
मुख्य बिंदु
- भागवत कथा का इतिहास और महत्व।
- प्रमुख कथा वाचकों की सूची।
- वाचकों का आध्यात्मिक अनुभव।
- संपर्क विवरण के माध्यम से जुड़ने के अवसर।
- भागवत प्रवचनकार नाम सूची में उत्कृष्टता।
भागवत कथा का महत्व
भागवत कथा का महत्व धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक जीवन और समाज पर भी है। यह कथाएं भक्ति, ज्ञान और प्रेम का संगम हैं। सुनने वालों को जागृति मिलती है और उनके जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाती हैं।
आध्यात्मिक जीवन में भूमिका
भागवत कथा आध्यात्मिक जीवन में बड़ा योगदान देती है। यह कथा आत्मिक शांति और जीवन में उद्देश्य खोजने की प्रेरणा देती है। व्यक्ति को भक्ति और समर्पण के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
समाज पर प्रभाव
भागवत कथा समाज पर भी बड़ा प्रभाव डालती है। यह कथा सामुदायिक एकता को बढ़ावा देती है और सहयोग और समर्पण की भावना को विकसित करती है। धार्मिक और नैतिक मूल्यों की स्थापना से समाज में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
लोग एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील होते हैं और मानवीयता की सेवा में लगे रहते हैं।
भागवत पुराण का सार
भागवत पुराण में कई प्रेरक कथाएँ हैं, जो जीवन को अच्छा बनाने में मदद करती हैं। यह ग्रंथ श्रीकृष्ण की लीलाओं और भक्ति की गहराई को दिखाता है। साथ ही, यह जीवात्मा के उद्धार के लिए है।
भागवत पुराण की कथाएँ लोगों को भक्ति का मार्ग दिखाती हैं। वे नैतिक और धार्मिक संदेश भी देती हैं।
भागवत पुराण की कथा शक्ति
भागवत पुराण की कथा शक्ति चरित्र और घटनाओं में है। यह लोगों को सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित करती है।
लोगों को पता लगता है कि कथाएँ मनोरंजन के लिए नहीं हैं, बल्कि जीवन के सत्य को समझाने के लिए हैं।
संदेश और शिक्षाएँ
भागवत पुराण में कई शिक्षाएँ हैं। यह अहिंसा, प्रेम, भक्ति और सेवा के मूल्यों को बढ़ावा देता है।
श्रोताओं को बताया जाता है कि कठिनाइयों का सामना कैसे किया जाए। वे सकारात्मक सोच का विकास कैसे करें? ये शिक्षाएँ व्यक्ति के विकास में मदद करती हैं।
भागवत कथा वाचक नाम लिस्ट
भागवत कथा में कई प्रसिद्ध वाचक हैं, जो लोगों को मंत्रमुग्ध करते हैं। श्री नरेंद्र कृष्ण जी और श्री राधा गोविंद जी जैसे वाचक हैं, जिनकी कथा वाचन की कला अद्भुत है।
उनकी गहरी समझ और प्रस्तुति से कथाएं प्रभावी होती हैं। उनके योगदान से कथाएं लोगों के जीवन में बदलाव लाती हैं।
प्रमुख वाचक और उनके योगदान
प्रमुख वाचक अपने ज्ञान और कथा वाचन शैली से पहचाने जाते हैं। उनके अनुभव श्रोताओं के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं।
वे कथा सुनाते ही श्रोताओं के साथ गहरा संबंध बनाते हैं।
कथा वाचन के अनुभव
भागवत कथा सुनना एक अद्वितीय अनुभव होता है। कथा के दौरान श्रोताओं में ऊर्जा आती है।
वाचन के दौरान श्रोता कथा के पात्रों से जुड़ते हैं। वे उनके संदेशों को भी स्वीकार करते हैं।
- श्री नरेंद्र कृष्ण जी - कथा वाचन में लोकप्रियता के लिए जाने जाते हैं।
- श्री राधा गोविंद जी - आध्यात्मिकता और अनुकंपा का प्रतीक।
इन वाचकों का दर्शन और वाचन अनुभव बहुत लाभदायक होता है। वे भक्ति और ज्ञान की खोज में लोगों के लिए मददगार हैं।
भागवत महापुराण कथा पाठक लिस्ट
इस खंड में हम भागवत महापुराण कथा पाठकों की जानकारी साझा करेंगे। इन पाठकों का काम श्रोताओं के लिए प्रेरणा और ज्ञान देना होता है। चर्चित पाठक अपनी शैली और भावना से कथा वाचन में जाने जाते हैं। उनकी कथा शक्ति कार्यक्रमों में ऊर्जा लाती है।
चर्चित पाठक
- श्री मुरलीधर जी
- श्री जगदीश जी
- श्री राधेश्याम जी
- श्री श्यामसुंदर जी
उपयुक्त संपर्क जानकारी
इन चर्चित पाठकों से संपर्क करने के लिए निम्न नंबरों पर कॉल करें:
नाम | संपर्क नंबर |
---|---|
श्री मुरलीधर जी | 8368032114 |
श्री जगदीश जी | 8516827975 |
श्रीमद्भागवत कथाकार सूची
भारतीय संस्कृति में भागवत कथा का बहुत महत्व है। यह कथा धार्मिक ज्ञान का व्याख्यान होता है और लोगों को प्रेरित करता है। श्रीमद्भागवत कथाकार लोगों को शिक्षित करते हैं।
यहाँ हम श्रीमद्भागवत कथाकारों की सूची दे रहे हैं, जो अपनी उत्कृष्टता के लिए जाने जाते हैं।
राष्ट्रीय स्तर के कथाकार
राष्ट्रीय स्तर के कथाकार अपनी शैली और प्रस्तुतिकरण के लिए जाने जाते हैं। श्रीरामलाल जी और श्री विनोद जी इनमें से हैं। इनकी कथा शैली देशभर के लोगों को मंत्रमुग्ध करती है।
स्थानीय स्तर के कथाकार
स्थानीय स्तर पर भी कई प्रतिभाशाली कथाकार हैं। वे अपने क्षेत्र में भागवत कथा का प्रचार करते हैं। इनकी कथा शैली श्रोताओं को आकर्षित करती है और सामाजिक एकता को प्रोत्साहित करती है।
भागवत प्रवचनकार नाम सूची
भागवत प्रवचनकारों के बारे में बात करें तो उनके नाम ही नहीं हैं, बल्कि उनकी उपलब्धियाँ और कथा शैली भी हैं। ये चीजें उन्हें एक से अलग बनाती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख प्रवचनकारों के बारे में बताया गया है, जिन्होंने धार्मिकता और आत्मिकता को प्रसारित किया है।
प्रमुख प्रवचनकारों की उपलब्धियाँ
कई प्रवचनकार ने अपनी कला से लोगों के दिलों में जगह बनाई है। उनकी उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं:
- संतोषी दास जी - अनेक धार्मिक आयोजनों में भागीदारी।
- कृष्ण महात्मा - भक्तिसंप्रदाय के प्रचारक।
- राधे श्याम जी - सैकड़ों प्रवचन और भव्य कार्यक्रमों का आयोजन।
कथा शैली की विशेषताएँ
प्रवचनकारों की कथा शैली बहुत विविध और आकर्षक होती है। इनकी कहानियों में भावना, ज्ञान, और सच्चाई का अद्भुत समावेश होता है। कुछ विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- स्वाभाविक संवाद शैली जो श्रोताओं को विशेष अनुभव कराती है।
- भाव कथन का कुशलता से उपयोग, जिससे भावनाएं और संदेश स्पष्ट होते हैं।
- व्यक्तिगत अनुभव और साधना का समावेश, जो कथा को जीवंत बनाता है।
भगवान कृष्ण कथा पठक यादी
भगवान कृष्ण की कथाएँ धार्मिकता के साथ सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती हैं। यहाँ उनकी कथाओं की एक सूची दी गई है। इसमें उनकी अद्भुत उपलब्धियों का वर्णन किया गया है।
उपलब्धि और प्रस्तुतियाँ
भगवान कृष्ण की कथाएँ अपने वाचन के लिए जानी जाती हैं। उनकी प्रस्तुतियों और आयोजनों ने उन्हें व्यापक पहचान दिलाई है। नीचे दी गई सारणी में उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियों को दिखाया गया है:
पठक का नाम | उपलब्धियाँ | प्रमुख प्रस्तुतियाँ |
---|---|---|
कृष्णाजी शरण | आध्यात्मिक कार्यशालाएँ आयोजित करना | गौरी-गणेश उत्सव |
सुरेश चैतन्य | हजारों श्रोताओं के सामने कथा वाचन | महाकुंभ में कथा सुनाना |
सीता राम शर्मा | समाज में जागरूकता लाना | धार्मिक संगोष्ठियों में प्रस्तुति |
कथा का प्रभाव
भगवान कृष्ण की कथाएँ श्रोताओं के मानसिक विकास पर प्रभावी होती हैं। ये कथाएँ भक्ति को बढ़ावा देती हैं और समाज में सकारात्मकता लाती हैं। लोग अपने जीवन में नई दिशा पाते हैं, जिससे उनके संबंधों में सुधार होता है।
भागवत कथाकारों की सूची
भागवत कथाकारों की संगीत शैली और संध्या की प्रस्तुति एक विशेष अनुभव प्रस्तुत करती है। इन कथाकारों की अनूठी शैली श्रोताओं में एकता और ऊर्जा का संचार करती है।
धार्मिक आयोजनों में कथा का प्रभाव अधिक गहरा होता है। संगीत और कथा का संगम दर्शकों के मन को छूने वाला होता है।
संगित और संध्या की शैली
भागवत कथाकारों की अनोखी संगीत शैली उनकी कथा को एक आकर्षण प्रदान करती है। वे विभिन्न रागों और तालों का उपयोग करते हैं।
इस प्रकार की प्रस्तुति श्रोताओं को एक अलग मनोविज्ञान में ले जाती है।
विभिन्न धार्मिक आयोजनों में भागीदारी
भागवत कथाकारों की सूची में शामिल कथाकार अनेक धार्मिक आयोजनों में अपनी भागीदारी से समाज में एक नए रंग भरते हैं।
ये कथाकार भक्ति के विभिन्न समारोहों में अपनी आवाज से श्रद्धालुओं का मन मोहते हैं।
धार्मिक आयोजनों में कथा का आयोजन मात्र एक रस्म नहीं होता, अपितु यह एक भावनात्मक अनुभव होता है।
कथाकार का नाम | विशेषज्ञता | धार्मिक आयोजन |
---|---|---|
कथाकार 1 | संगीत शैली | कृष्ण जन्माष्टमी |
कथाकार 2 | प्रस्तुति शैली | राम नवमी |
कथाकार 3 | धार्मिक संवाद | नवरात्रि |
भागवत कथावाचनकर सूची
भागवत कथावाचन में कई प्रमुख अविस्मरणीय घटनाएँ होती हैं। ये घटनाएँ धार्मिक और सामाजिक एकता को मजबूत करती हैं। साथ ही, पारिवारिक संबंधों को भी बेहतर बनाती हैं।
यहाँ हम कुछ विशेष कथावाचनकरों की महत्वपूर्ण घटनाओं को बता रहे हैं। इन घटनाओं ने कथाओं की गहराई और प्रभाव को दिखाया है।
प्रमुख अविस्मरणीय घटनाएँ
- कथा में संतों की उपस्थिति ने सभी को एकजुट किया।
- धार्मिक आयोजनों में लोग न केवल कथा सुने, बल्कि अपने अनुभव भी साझा किए।
- कथा के दौरान श्रवण करने वाले भक्तों की आँखों में भावनाएँ स्पष्ट थीं।
अनेक भाषाओं में कथा प्रस्तुतियाँ
भागवत कथा की विशेषता है कि इसे अनेक भाषाओं में कहा जाता है। यह व्यापक दर्शकों तक पहुँचाता है।
विभिन्न भाषाओं में कथा प्रस्तुत करने के लिए कुछ प्रमुख भाषाएं हैं:
- हिन्दी
- मराठी
- बांग्ला
- गुजराती
- तमिल
इन भाषाओं में कथा प्रस्तुतियाँ अधिक लोगों तक पहुँचाती हैं। अधिक लोग सुनने से कथा का प्रभाव गहरा होता है।
भागवत कथा का आयोजन
भागवत कथा का आयोजन एक बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। यह भक्तों को आध्यात्मिक ज्ञान और प्रेरणा देता है। आयोजन के चरणों में योजना बनाना, स्थान चुनना और वाचक का चयन शामिल है।
आयोजन की प्रक्रिया
भागवत कथा का आयोजन करने के लिए कुछ चरणों का पालन करना जरूरी है:
- स्थान का चयन: एक अच्छा और भक्तिपूर्ण स्थान चुनें।
- वाचक का चयन: एक अच्छा भागवत कथा वाचक ढूँढें।
- संसाधनों की व्यवस्था: सभी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
- प्रचार: लोगों को आयोजन की सूचना देने के लिए प्रचार करें।
संपर्क विवरण
भागवत कथा के बारे में जानकारी लेने के लिए संपर्क करें:
- 8368032114
- 8516827975
कथा का प्रचार-प्रसार
आज भागवत कथा का प्रचार-प्रसार कई माध्यमों से हो रहा है। सोशल मीडिया एक प्रभावी साधन बनकर उभरा है। यह कथा को जन-जन तक ले जाता है।
सोशल मीडिया के ज़रिए लोग आपस में जुड़ते हैं। वे अपनी भावनाएँ साझा करते हैं।
सोशल मीडिया का योगदान
फेसबुक, इंस्टाग्राम, और यूट्यूब जैसे प्लेटफार्मों पर कथा के कार्यक्रम लाइव होते हैं। यह दूर-दराज के लोगों को भी कथा का हिस्सा बनाता है।
दर्शकों की संख्या बढ़ती है। लोग विभिन्न विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।
स्थानिक व आभासी आयोजन
स्थानिक आयोजन लोगों को एक साथ लाते हैं। वहां लोग भागवत कथा का आनंद लेते हैं।
आभासी आयोजन लोगों को एक साथ लाते हैं, चाहे वे कहीं भी हों। यह संपर्क बढ़ाने और भक्ति के गुणों को साझा करने का एक तरीका है।
भागवत कथा का बाजार
भागवत कथा का बाजार धार्मिक ग्रंथों, साधना पुस्तकें और ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग्स के लिए एक बड़ा स्थल हो गया है। यहाँ से भक्तजन भक्ति साहित्य की कई कृतियाँ खरीद सकते हैं। ये कृतियाँ सिर्फ ज्ञान देती हैं, बल्कि भक्तों को शांति और भक्ति की ओर ले जाती हैं।
बिक्री हेतु उपलब्ध कृतियाँ
इस बाजार में कई प्रकार के भक्ति साहित्य की कृतियाँ मिलती हैं। इनमें शामिल हैं:
- श्रीमद भागवत पुराण
- भक्ति गीतों का संग्रह
- कथा वाचन के ऑडियो-CDs
- विशेषांक और कथा पुस्तिकाएँ
भक्ति साहित्य की विशेषताएँ
भक्ति साहित्य की विशेषताएँ इसे अन्य साहित्य से अलग बनाती हैं। ये विशेषताएँ संतों और भक्तों की शिक्षाओं को संजोकर रखती हैं। इससे लोगों के मन में आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ती है।
- गहन अध्यात्मिक ज्ञान: यह साहित्य गहरी विचारधारा पर आधारित होता है, जो मन को शांति प्रदान करता है।
- भक्ति का संचार: यह कृतियाँ भक्ति भाव को जाग्रत करती हैं, भक्तों को श्रद्धा और समर्पण की ओर ले जाती हैं।
- शांति और खुशी का अहसास: भागवत कथा का अध्ययन करने से मन में सुकून और खुशहाली की अनुभूति होती है।
भागवत कथा सुनने के फायदे
भागवत कथा सुनने से कई लाभ होते हैं। यह मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। तनाव को कम करता है और आत्मिक शांति देता है।
यह समाज में एकता और साक्षरता को बढ़ाता है।
आध्यात्मिक और मानसिक स्वास्थ्य
भागवत कथा सुनने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आता है। यह तनाव को कम करता है और चिंता को दूर करता है।
कथा सुनने से ध्यान में जाना और शांति प्राप्त करना आसान होता है।
समाज में संगठितता
भागवत कथा समाज में एकता लाती है। लोग एक साथ कथा सुनते हैं, जिससे भाईचारा और सांस्कृतिक एकता बढ़ती है।
निष्कर्ष
भागवत कथा भारतीय संस्कृति का एक बड़ा हिस्सा है। यह न केवल आध्यात्मिक जीवन में बल्कि सामाजिक जीवन में भी महत्वपूर्ण है। कथा के माध्यम से, वाचक और प्रवचनकार लोगों के मन में भगवान के प्रति प्रेम और श्रद्धा भरते हैं।
भागवत कथा के लिए वाचक, पाठक और प्रवचनकार एक समुदाय बनाते हैं। यह समुदाय धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण को संरक्षित करता है। उनकी मेहनत से कथा का महत्व हर किसी तक पहुंचता है।
भागवत कथा हमें भक्ति की राह पर ले जाती है और हमारे जीवन में संतोष और शांति लाती है। कथा का आदान-प्रदान हमारी संस्कृति और आध्यात्मिकता को जोड़ता है।
कथाकार और प्रवचनकार हमारी धरोहर को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। यदि आप भागवत कथा के अनुभव में रुचि रखते हैं, तो 8368032114 और 8516827975 पर संपर्क करें।
FAQ
भागवत कथा वाचक कौन होते हैं?
भागवत कथा वाचक वे लोग होते हैं जो पुराण की कथाएं सुनाते हैं। वे श्रोताओं को आध्यात्मिक अनुभव देते हैं। कई प्रसिद्ध वाचक हैं जिनकी कथा शैली लोगों को प्रेरित करती है।
भागवत महापुराण का मुख्य संदेश क्या है?
भागवत महापुराण में श्रीकृष्ण की लीलाएं और प्रेम का संदेश है। यह श्रोताओं को आत्मज्ञान और धर्म के मार्ग पर ले जाता है।
मैं भागवत कथा कैसे सुन सकता हूँ?
भागवत कथा सुनने के लिए स्थानीय वाचकों की सूची देखें। उनके कार्यक्रमों की जानकारी इंटरनेट पर मिल जाएगी।
भागवत कथा का समाज पर क्या प्रभाव होता है?
भागवत कथा समाज में एकता लाती है। यह धार्मिक और सामाजिक मूल्यों को बढ़ावा देती है। समुदाय को एकजुट करती है।
भागवत कथा का आयोजन कैसे किया जाता है?
आयोजन के लिए योजना बनानी होती है। स्थान चुना जाता है और वाचक को आमंत्रित किया जाता है। संपर्क विवरण आयोजकों से मिल जाते हैं।
भागवत कथा सुनने के क्या लाभ हैं?
सुनने से तनाव कम होता है और आत्मा शांत होती है। यह मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।
भागवत प्रवचनकारों की प्रमुख उपलब्धियाँ क्या हैं?
प्रवचनकार धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। उनकी कथा शैली समाज में योगदान देती है।
क्या भागवत कथा विभिन्न भाषाओं में प्रस्तुत की जाती है?
हाँ, विभिन्न भाषाओं में कथा प्रस्तुत की जाती है। यह लोगों को संदेश पहुँचाता है।
भागवत कथा का प्रचार कैसे होता है?
सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों के माध्यम से प्रचार होता है। लोगों को सुनना और जानकारी प्राप्त करना आसान होता है।
भागवत कथा के प्रमुख वाचकों की सूची कहाँ मिल सकती है?
सूची वेबसाइटों पर मिल जाती है। वहां आप जानकारी और संपर्क विवरण प्राप्त कर सकते हैं।
हमसे संपर्क करें- 8368032114
भागवत कथा वाचक नाम लिस्ट bhagwat katha vachak nam
अन्नत श्री सर्व अन्तर्यामी अखिल ब्रह्माण्डनायक अकारण करूणावरुणालय परब्रह्म परमात्मा श्रीलक्ष्मी वैकुण्ठनाथ भगवान् की आत्मा ही संसार है और संसार का प्राण वेद है। वह वेद प्रभु की श्वास है वह नाद भी उन्हीं प्रभु से प्रकट हुआ है। इस नाद को ही प्रणव या ओम् से भी जाना जाता है।
उसी ओम् की ही व्याख्या वेद-उपनिषद्, इतिहास - पुराण इत्यादि सद्ग्रन्थ हैं। उन्हीं सद्ग्रन्थों का रसास्वादन कर जीव परमात्मा को प्रप्त करता है।
उन परमात्मा का बोध कराने के लिए महर्षि श्रीवेदव्यास जी ने साठ लाख श्लोकों की एक संहिता बनायी, जिस संहिता के तीस लाख श्लोकों का देवलोक में, पन्द्रह लाख श्लोकों का यक्षलोक में, चौदह लाख श्लोकों का पितृलोक में और एक लाख श्लोकों का पृथ्वीलोक में प्रचार हुआ।
वहीं ये एक लाख श्लोक वस्तुतः वेद ही है या वेदकी उपव्याख्या ही हैं । वेद चार भागों में विभक्त है। उन्हीं वेदों का भावार्थ उपनिषद्, महाभारत, इतिहास और पुराण इत्यादि हैं। पुराणों में प्रधान पुराण भागवत पुराण है, सद्गतिदायक एवं प्रभुप्रीति के नायक होने के कारण इसे श्रीमद्भागवतपुराण के नाम से जाना जाता है । श्रीमद्भागवत महापुराण पंचम वेद भी है।
इसी श्रीमद्भागवत पुराण की कृपा से जीव तरण तारण को प्राप्त करते आ रहे हैं । इसी श्रीमद्भागवत महापुराण का उपदेश एक समय प्रभु श्रीमन्नारायण ने श्रीलक्ष्मी देवी एवं ब्रह्मादिक देवों को भी दिया था तथा उसी श्रीमद्भागवत जी की कथा समय - समय से सनकादि - नारद आदि ऋषियों ने प्राप्त कर भक्तजनों को कृतार्थ करते हुए स्वयं को भी कृतार्थ हुआ।
वही श्रीमद्भागवत है, जिसको प्रभु ने अपना प्रत्यक्ष स्वरूप बताकर श्रीउद्धव जी को भगवत् - मय रहने का उपदेश दिया । यह शाश्वत सत्य पौराणिक कथन है कि एक समय व्यासनन्दन श्रीशुकदेव जी पिता से प्राप्त कथा - रस का पान करके ऋषि शाप से दग्ध राजा परीक्षित् को अमरत्व प्रदान कराया था।
उसी कथा को एक बार नैमिषारण्य में उपस्थित अट्ठासी हजार ऋषियों के साथ श्रीशौनक जी ने श्री सूतजी से प्राप्त किया था ।
( श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र )
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