Pavitra karne ka mantra ॐ अपवित्रः पवित्रो / बाह्याभ्यन्तरशुद्धिः
बाह्याभ्यन्तरशुद्धिः-
बायें हाथ में जल लेकर दायें हाथ से अपने ऊपर जल छिड़कते हुए निम्नलिखित मन्त्र पढ़ें
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा।
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा।
यः स्मरेत्पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः॥
पुण्डरीकाक्षः पुनातु-३।
तीन बार आचमन करें-
ॐ केशवाय नमः । ॐ नारायणाय नमः । ॐ माधवाय नमः । आचमन के बाद ॐ गोविन्दाय नमः । जल से हाथ धोकर गायत्री मन्त्र से प्राणायाम करें।
ॐ केशवाय नमः । ॐ नारायणाय नमः । ॐ माधवाय नमः । आचमन के बाद ॐ गोविन्दाय नमः । जल से हाथ धोकर गायत्री मन्त्र से प्राणायाम करें।